"मुर्गी के अंडे"
Jitendra Rai "Jeet"
विक्रम 14 दिन आइसोलेट रहा पॉजिटिव होने के बाद। जीवट था तो नेगेटिव भी हो गया जल्द ही , पर विचारों में पॉजिटिव ही रहा। बेताल को समझाया कि अब तुम बेफिक्र पीठ पर लद सकते हो। बेताल लद गया विक्रम की पीठ पर।
बेताल बोला " विक्रम एक कहानी सुनो। एक थी मुर्गी। अंडे देती थी। उन अंडों के बदले कई मुर्गे उसे दाना पानी देते थे सुबह शाम। अंडे खाकर मुर्गे मोटे होते रहे, मुर्गी दाना खाकर ताक़तवर होती रही। फिर मुर्गी को मुर्गा होने का भ्रम हो गया एक दिन और वह भी मुर्गों सा बर्ताव करने लगी।
जिनके दाने पानी पर वह मुर्गी मुर्गा बनी थी, वह कुछ और मुर्गियां पाल रहे थे, यह बात उसे पता ही नहीं थी। जब मुर्गों को लगा कि यह मुर्गी उनकी सेहत का राज बता देगी तो उन्होंने पहले उसका दड़बा जलाया फिर उस मुर्गी का ही एनकाउंटर करवा दिया।
अब मुर्गी समाचारों में है, मुर्गे दूसरी मुर्गियों के अंडे खा रहे हैं। किसी को कानों कान खबर नहीं।
अब मेरे प्रश्न का जवाब दो विक्रम। अगर तुम कुछ नहीं बोले तो तुम्हारा धड़ जलेबी बनायेगा और सर पकोड़े तलेगा।
मुर्गी मर चुकी है, यह सब जानते हैं, लोगों की नज़र में वही बड़ा मुर्गा थी। समाचारों में यही बताया जा रहा है। तो तुम बताओ, अब मुर्गियां जन्म नहीं लेंगी, अंडे नहीं देंगी?"
"बेताल, मुर्गियां अंडे देने के लिये और एनकाउंटर किये जाने के लिये ही बनाई जातीं हैं, पाली जातीं हैं। मुर्गियां अंडे देतीं हैं जिन्हें खाने से इम्युनिटी बढ़ती है, तो पाली ही जायेंगी। मुर्गे और गुर्गे सेहतमंद होते रहेंगे।"
विक्रम का जवाब सुनते ही बेताल अट्टाहास करता हुआ उड़न छू हो गया और फिर उसी डाल पर सैनिटाइजर छिड़ककर लटक गया।
@Jitendra Rai " Jeet"